HINDI KAHANIYA | गाली पास ही रह गयी - शिक्षाप्रद कहानियाँ

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गाली पास ही रह गयी शिक्षाप्रद हिंदी कहानियाँ) HINDI KAHANIYAN


Hindi Kahaniya - मेरे पास कितनी गन्दी गालियाँ है,  एक  लड़का था उनके माता पिता,   bahut hi garib the आपको विस्मित कर सकता है! hindi kahaniya शिक्षाप्रद हिंदी कहानियाँ जीवन में बहुत बड़ा परिवर्तन ला सकता है। जीवन में बदल ना और जीवन में बदलाव करना ओर बात है।


ज्ञान एक अमूल्य वस्तु है 'जो मनुस्य के जीवन भर साथ निभाता है?
 कभी धोख नहीं देता। 

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शिक्षाप्रद नैतिक कहानिया, एक विचार से आदमी के जीवन में भूचाल ला सकता इसे लास्ट तक पढ़ा आप के जीवन में बहुत बड़ा परिवर्तन ला सकते हो। ध्यान देना आपके लिए उपयोगी हो सकती है ?


HINDI KAHANIYAN
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गाली पास ही रह गई 

(HINDI KAHANIYA )

एक गांव में हरी नाम का एक आदमी उनके पत्नी के साथ रहते थे शादी के बाद बहुत खुशाल जीवन जी रहे थे। सयोग बस उनके घर एक बालक हुई ?

पति और पत्नी खुस हाल जीवन जी रहे थे। धीरे - धीरे लड़का बड़ा हो रहा था.  माता पिता काफी चिन्ति थे बच्चे की भविस्य को लेकर सोलह से सतरह वर्ष का हो चूका था। 

लड़का - बुरी संगती में दोस्तों के साथ रह -रह कर दुस्ट और गाली गलौज देना सुरु कर दिया था। माता पिता बहुत परेशान थे लड़का का आचरण को लेकर। 

लड़का - जोभी उस के सामने गुजरने वाला  इंसाननो को गाली बकता था और लड़ाई झगड़ा हर दिन होती रहती थी, उस लड़का को गांव में कोई पसंद नहीं करता था.

 उसके सामने जाने पर किसी को नहीं छोड़ता हर किसी को गाली देता था ? उसके मुँह से गन्दी - गन्दी गालियाँ निकलता था 

लोग सुन कर गुसा करने लगते थे, और जाहिर सी बात है कोई भी गाली सुनने  पर चुप नहीं रहता ,  दो शब्द अगला भी बोलेगा ?


गाली पास ही रह गईं भाग -२ (Hindi kahaniya )

एक समय बहुत बड़ा घटना चक्र हुआ सभी कोई अचंभित रह गए ?

दुस्ट लड़का एक दिन गांव के चौराहे पर बैठा था, सयोंग वस् 

एक साधु बाबा उसी गांव में आया दुस्ट लड़का साधु को देखा उसने सोचा की साधु को गाली देने से चिड़ेगा और मारने दौड़ेगा फिर बहुत मजा आएगा। 

साधु बाबा - एक वृक्ष के नीचे  चुपचाप बैठ गया। उसकी ओर देखा भी नहीं। 
लड़का -- साधु के पास जाकर खूब गाली देने लगा जोर -जोर  से बाबा जी गाली बकने लगा दुनिया जीतनी गालियाँ होती है। 

माँ बहन गन्दी -गन्दी उस लड़का ने साधु बाबा को दिया  दूसरे लोग साधु जी लड़ने के लिए उकसाया गया  चुप था। लगभग आधे घंटे  तक उस लड़का गाली दिया साधू  को। 

दूसरे लड़के ने कहा बाबा जी - यह आपको गालियाँ देता है न की किसी ओर को। 


साधू बाबा जी - हाँ भैया देता तो है पर मै लेता कहाँ हूँ। जब मै लेता नहीं तो सब उसी के पास वापस लौटकर पास रह जाती है। 

लड़का - लेकिन यह बहुत ख़राब गालियाँ देता है। 

साधु - यह तो और ख़राब बात है, पर मेरे तो उसकी गाली कहीं चिपकी ही नहीं -
जीतनी भी गाली दिया सब के सब उसी की मुखमे भरी हुई है इसका मुख गन्दा हो रहा है। 


गाली देने वाला लड़का सुन रहा था। साधू की बातों को उसने सोचा यह ठीक बोल रहा है, साधु - मैं जो गाली देता हूँ.

 उसे दूसरे लोग ले लेते है इसीसे तिलमिलाते है मारने को दौड़ते है. और दुःखी होते है , यह यह गाली नहीं लेता तो सब मेरे पास ही तो रह गयी

लड़का - को बड़ा बुरा लगा साधु की बात उसकी दिल में उतर गया ?
मेरे पास कितनी गन्दी गालियाँ है।अंत में लड़का साधु के पास गया और बोला बाबा जी मेरा अपराध कैसे दूर होगा मेरा मुख शुद्ध कैसे होगा 

साधु - पस्चताप करने तथा फिर से ऐसा न करने का प्रतिज्ञा करने  से अपराध दूर जाएगा तुम हर  आने जाने वाले इंसान को आज से राम राम बोलना 

मित्रों पस्चताप करने हर चीज सही हो जाती है। इसे अपने दोस्तों के साथ साझा जरूर करना ताकि आप जैसे मेरे और दोस्त है।

 आप के जरिये उनतक पहुंचना आपने इस बात  को लिया होगा तो सिर्फ दो लोगो के साथ शेरे जरूर करना।

 शिक्षाप्रद हिंदी कहानियाँ के साथ आप से फिर मिलेंगे।   आप का धन्यवाद 

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