10 super new Panchatantra Stories in Hindi
शिक्षाप्रद नैतिक कहानियां सबसे बड़ा संग्रह! new panchatantra stories in hindi उनके पीछे मूल्यवान सबक नई शिक्षाप्रद 10 पंचतत्र प्रसिद्ध कहानियाँ -जीवन की सबसे बड़ी सीख देने वाली पंचतंत्र कहानियाँ।new Panchatantra Storiesबचपन में दादा-दादी, नाना-नानी की कहानियों को सुनकर हम बड़े हुए हैं| कुछ ऐसी ही चुनिंदा शिक्षाप्रद नैतिक हिंदी कहानियों का संग्रह नीचे दिया गया है, जिनको पढ़कर आपको जीवन में नई सीख और ज्ञान अवश्य मिलेगी.
प्रत्येक कहानी में कुछ ना कुछ रहस्य व शिक्षा छुपी हुई होती है| प्रत्येक कहानी के अंत में कहानी से मिलने वाली सीख (Panchatantra Stories) को अच्छे ध्यान से पढ़ें: प्रस्तुत है हिंदी में 10 सबसे बेहतरीन जीवन की प्रेरणादायक कहानियां जो अद्भुत है।
1. मुर्गा का विचार अकल का ठिकाना
एक समय की बात है। एक गांव में ढेर सारे मुर्गा और मुर्गी रहते थे। एक मुर्गा को एक मुर्गी से प्यार हो गया मुर्गा ने मुर्गी को पटाने के लिए बहुत मेहनत किया पर मुर्गी ने एक न सुनी। प्यार का जलवा जारी था कुछ दिन बाद।
मुर्गा ने सोचा और कहा तुम से एक जरुरी बात करनी है। मुर्गी - क्या मुर्गा को अपने बोलने की आवाज पर अभिमान था। मैं सुन्दर गाना गाता हूँ। और मेरे गाने इंसान सुन कर सुबह जल्दी उठ जाते है।
लोग अपने - अपने काम धाम करने लगते है। मुर्गी ठीक है। मुर्गी के दिल को जितने के लिए बहुत कुछ कह दिया था मुर्गा ने, रात हुई और सुबह होने वाली थी तब मुर्गी ने कहा तुम आज तुम्हारी कुकड़ू कूँ की आवाज मत करना - मुर्गा नहीं बोला उसने सोचा सुबह मैं आवाज नहीं करूंगा तो सब लोग सोते रहेंगे तब मेरी अहमियत सबको समझ में आएगी। और मुझे तंग नहीं करेंगे। और मुर्गी का प्यार भी मिल जाएगा। मुर्गा सुबह कुछ नहीं बोला। लोग समय पर उठ कर अपने-अपने काम में लग गए इस पर मुर्गे को समझ में आ गया कि किसी के बिना कोई काम नहीं रुकता। सबका काम चलता रहता है। मुर्गी के नजर में नीचा साबित हो गया ?
Panchatantra stories( कहानी की शिक्षा : हमें अपनी कार्य या अपने अहमियत पर कभी घमंड नहीं करना चाहिए। किसी वस्तु को पाने की इच्छा पर झूठ का सहारा न लें। आपकी अहमियत लोगो को बिना बताये ही पता चल जाता है। प्रभाव '' बेहतर होने से अच्छा है , स्वभाव बेहतर होना !!!
2. चिंकी की रेलगाड़ी
( Hindi short stories with Panchatantra for kids)
चिंकी एक बहुत ही प्यारी लड़की थी। सुसील और नेक बच्ची थी वह कक्षा दूसरी में पढ़ती थी। एक दिन उसने अपनी किताब में रेलगाड़ी देखि। उसे अपनी रेल – यात्रा याद आ गई , जो कुछ दिन पहले पापा – मम्मी के साथ की थी। चिंकी ने पेन्सिल उठाई और फिर क्या था , दीवार पर रेलगाड़ी का इंजन बनाने लगी । उसमें पहला डब्बा बनाई फिर दूसरी डब्बा बनाई, डब्बा के ऊपर डब्बा कई सारे डिब्बे बना डाली। जब पेन्सिल खत्म हो गया चिंकी उठी उसने देखा कक्षा केआधी दीवार पर रेलगाड़ी बन चुकी थी। फिर क्या हुआ – रेलगाड़ी महारास्ट्र गई , हरियाणा गई, पंजाप गई नानी के घर गई , और दादी जी के घर भी गई।
new Panchatantra Stories( कहानी की शिक्षा:
बच्चे तो आखिर बच्चे होते है , पर दिल के अच्छे होते है। पर बच्चों के मनोबल को बढ़ाइए? कल के लिए बेहतर भविष्य का निर्माण आज से होने दे।
3. अमीर सोंच
Panchatantra stories in Hindi with moral values
बात कुछ दिनों पहले की है। मेरी एक 4 वर्ष की बेटी है पति इंजीनियर है और उन्हें किसी छोटे वर्ग या मध्यमवर्गीय परिवार वाले लोगों से मिलना पसंद नहीं हमारे घर के सामने एक पार्क है ,जहाँ शाम को बच्चे खेलते है। वहां हम रोज अपनी बच्ची को खेलने के लिए ले जाते है।
हमारे घर के पास ही एक सज्जन रहते थे जो गांव से कुछ दिन पहले ही यहां आए थे उनका भी एक पोता था , जिसे वे कुछ दिनों के लिए अपने साथ लाये वह भी पार्क में खेलने जाने लगा था। मैंने देख की मेरी बच्ची अक्सर उसी के साथ खेलना पसंद करती थी। उस का पहनावा बातचीत का दंग और रहन सहन खेल मुझे पसंद नहीं आता था।
अत: एक दिन मैं ने और मेरे पति ने अपनी बच्ची को टोका '' तुम हमेशा उसी बच्चे के साथ क्यों खेलती हो। तुम भी उसी बच्चे की तरह आदतें सीख जाओगी। बेटी ने बोली जिसे सुन कर मम्मी और पापा दंग रह गए ?
उसका कोई दोस्त नहीं है। अगर हम में से कोई भी उस बच्चे के साथ नहीं खेलेगा तो वह अच्छी बात और अच्छी संस्कार अच्छे खेल कैसे सीखेगा ?
Panchatantra कहानी की शिक्षा:
तूफानों में कश्तियाँ और अभिमान में हस्तियाँ मिट जाती है!!
बड़प्पन वह गुण है, जो पद से नहीं संस्कारों से प्राप्त होता है !!!
4 . बुद्धिमान बकरी का सोंच
new panchtantra ki kahaniya ( Bakri ki Kahani Kahani
एक वृद्ध बुद्धिमान बकरी एक जंगल में रहा करती थी। बकरी इतनी वृद्ध थी कि आसपास के हरे-भरे घास को भी खा पाने में असमर्थ थी।वह अपने जीवन के अंतिम क्षणों को बहुत कष्ट से व्यतीत कर पा रही थी।
अपने जीवन से परेशान वह इधर-उधर भटक रही थी, तभी उसको अचानक एक रास्ते पर एक शेर जो जंगल का राजा था। पदचिन्ह नजर आए। अब बुद्धिमान बकरी ने विचार की। क्यों न शेर महाराज के कदमो में पड़ी रहूं गी भूले भटके यदि शेर राजा आ जाएं तो उनसे गुजारिश करूंगी शेर महाराज मुझे खा जाए ! कम से कम आपका भूख मिट जाये गए शेर महाराज कुछ तो काम आ जाऊंगा ।
बुद्धिमान बकरी यह सोचकर panchatantra stories
फिर बकरी शेर राजा के पदचिन्ह पर बैठ गई। और कुछ देर बाद वहां एक चीता आया बहुत बड़ा ही खूंखार लग रहा था काफी मोटा तगड़ा था। गरजकर बोला ए भयंकर आवाज में बुद्धिमान बकरी तू यहां क्यों बैठी है? तेरा मकसद क्या है तुझे डर नहीं लगता ? बकरी ने बड़े ही निर्भीक भाव से कहा: देखते नहीं यह शेर महाराज का पदचिन्ह है। आदेश अनुसार उन्होंने ही मुझे बिठाकर रखा है? जब तक मैं वापस लौट न आऊं तुम तब तक यहीं बैठे रहना। शेर महाराज का आज्ञा है जंगल का कोई भी जानवर बकरी को कुछ बोलते वह पदचिन्ह दिखा देती।
यह पदचिन्ह शेर महाराज का है
अब क्या करता चीता महराज धीरे से पूछ हिला कर दबे पांव नौ दो ग्यारह हो गया है।
बुद्धिमान बकरी वहीं बैठी रहती है, बहुत दिन बीत गुजर जाने के बाद एक घूमता – फिरता उसी रास्ते में एक सियार भूखे भोजन की तलाश करते हुए आ जाता है , सियार ने देखा मन में ललचाई हुई बकरी की ओर देखा और कहा तुम यहां क्यों बैठी हो ? तुम्हें डर नहीं लगता? इस घने जंगल में
बुद्धिमान बकरी ने फिर निर्भीक आवाज में वही जवाब दी , जो चीते से कही थी
अब सियार शेर महाराज का नाम सुनते ही उसकी पूंछ के नीचे धुआं निकलने लगा। सियार ने पूंछ उठा कर भागा ? जंगल में कई प्रकार के हिंसक जानवर आए और बकरी से वार्तालाप करके अंतर्ध्यान हो गए।
बहुत सौभाग्य की बात यह है शेर (शेर महाराज) एक दिन उसी रास्ते वापस आता है और बकरी को गरजते हुए कहा यहां क्यों बैठी हुई है ?
बकरी ने बहुत ही सहज भाव से महाराज को प्रणाम किया और कहा ! शेर महाराज अभी तक मैं आपके ही आश्रय में बैठी हुई हूँ। वृद्धावस्था के कारण घूमना – फिरना भोजन आदि जीवन में अनेकों कस्ट हुई है।मैं जीवन से मुक्ति पाना चाहती हूं।
अर्थात मुझे मार कर खा जाइए या मेरे प्राणों की रक्षा करें। अभी तक आपके नाम से ही प्राणों की रक्षा करती आ रहीहूँ पदचिन्ह आपका प्रतीक बनाकर बैठी थी और अपने प्राणों की रक्षा कर रही थी।
बलवान व्यक्ति हमेशा दयालु प्रवृत्ति का होता है शेर को उन पर दया आई।जंगल में तुरंत सभा आयोजन किया शेर ने सभी जीव – जंतु , जानवर , विभिन्न प्रजातियों के सम्मिलित हुए।शेर का आदेश हुआ जो बलवान और लंबे – चौड़े जितने भी हाथी हैं। निश्चित कर ले – बकरी को अपनी पीठ पर बिठाकर पूरे जंगल में घूम आएंगे जहां भी कोमल पत्ते हरे नजर आएं बकरी को जो पत्ता खाने का मन करे उसे वृक्ष के नीचे खड़े हो जाए।
बकरी को सहूलियत अनुसार भोजन की व्यवस्था कर दी गई । शेर का आदेश कौन न माने?
इस प्रकार बकरी के भोजन का प्रबंध हुआ कुछ ही महीने बीत गए बकरी हृष्ट – पुष्ट नवयुवती के समान हो गई। फिर प्रौढ़ावस्था से युवावस्था कुल मिलाकर बकरी का भाग्य बदल गया। वह जीवन के कठिनाई भरे क्षणों में परेशान हो गई थी,उसके बुद्धि ने उसका जीवन बदल दिया। और आनंदमय जीवन को जीने लगी।
panchatantra stories (नैतिक शिक्षा –
हम मनुष्य के पास स्वच्छ मन और निष्ठा व चातुर्य बुद्धि मान जीवन में असफल कार्य को भी सफल कर सकता है। ''छोटी सोंच'' - शंका को जन्म देती है ......और ''बड़ी सोंच ''. . . . . . . . . .समाधान को .. . . . . . . !!!
कठिन समय में परेशान होने की जगह बुद्धि मानी का प्रयोग कर कठिनाई को दूर करने का प्रयत्न करना चाहिए।
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5 . वाणी का प्रभाव
Panchatantra stories in Hindi with moral values and pictures
पंचतंत्र कहानी - कौआ और कोयल दोनों काले होते है। पर कौआ पक्षी कोयल से बड़ा होता है। लेकिन मीठी आवाज के कारण कोयल को अच्छी मानी जाती है। कौआ की आवाज कर्कश होती है। वह काँव - काँव करता रहता है। तीखी आवाज होने के कारण कौआ किसी को अच्छा नहीं लगता सब लोग उसे पत्थर मार कर भगा देते है। जबकि कोयल की आवाज सब सुनना चाहते है।
सावन का महीना आम के वृक्ष पर बैठ कर मीठे स्वर में कुहू - कुहू करती है। मानो जैसे शरीर की पीड़ा और मन में लहर आ जाती है। कितनी प्यारी लगती है। कोयल की आवाज को हर इंसान सुनना पसंद करता है।
जो व्यक्ति मीठा बोलता है उसे सब चाहते है। जिसकी बात में मिठास नहीं होती उसे कम लोग ही पसंद करते है। मधुर स्वभाव अपना कर हम परायों को भी अपना बना सकते है। प्रेम के मिठे बोल से दुश्मन भी अपना मित्र बन जाता है। स्वभाव में विनम्रता और सरलता धारण करने से वाणी में मधुरता आती है।
''मीठी वाणी के सम्बन्ध में कहा गया है -
''ऐसी वाणी बोलिये, मन का आपा खोय।
औरन को शीतल कर, आपहुं शीतल होय।।
Panchatantra stories in Hindi matter
मीठी वाणी चंद्र माँ की तरह शीतल है। जो हर किसी के दिल में ठंडक पहुँचता है। जैसे गर्मी से परेशान इंसान पंखे के नीचे चला जाता है। तब उसको ही पता चलता है। यदि आपको कोई बुरा भला कहता और गाली देता है। तो उसकी बात उसीके पास रह जाये गा. कैसे - मैंने एक पोस्ट में लिखा है उसे एक बार जरूर पढ़े -( गाली पास ही रह गयी )मिठे वचन - एक विश्वास की प्रार्थना '' - अंधकार के सारे बंधन तोड़ने का सामर्थ्य रखती है। मीठी वाणी से किसी के भी क्रोध को शान्त करने की शक्ति होती है। और तुम्हे हर कार्य में सहयोग मिलेगी एक बार जाता है दुबारा लौट कर नहीं आता है। कौआ की तरह कर्कश बोलोगे तो फिर आ जायेगा - कोई तुम्हे अपमान करे, तो तुम अपमान मत करो अपमान का बदला अपमान के रूप में देना बुरी बात है।
बुरी बात बोलने से बुद्धि का नाश होता है। और आदमी क्रोधी और अहंकारी बन जाता है।
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